रक्षाबन्धन का उत्सव समाज की सेवा और त्याग की भावना को जाग्रत करने का एक अवसर प्रदान करता है।
" रक्षाबन्धन का उत्सव समाज की सेवा और त्याग की भावना को जाग्रत करने का एक अवसर प्रदान करता है। मनुष्य के ह्रदय की गहरी और उच्चतम भावनाओं को व्यक्त करने वाला ये पवित्र पर्व है। " राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ वर्ष में 6 उत्सव मनाता है। ज्ञातव्य है कि संघ द्वारा परंपरागत ऐतिहासिक, आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक रूप में छह उत्सव क्रमश : मकर संक्रांति, हिंदू साम्राज्य दिनोत्सव, वर्ष प्रतिपदा, गुरु पूर्णिमा, रक्षाबंधन एवं विजय दशमी राष्ट्रव्यापी स्तर पर हर वर्ष मनाया जाता है। संघ ही नहीं अपितु संपूर्ण भारत वर्ष में हर भाई-बहन इस पर्व को बहनों के अगाध स्नेह, पवित्रता एवं सुरक्षा के प्रतीक के रूप में सहर्ष मनाते हैं। इस दिन सभी बहनें अपनी भाई के हाथों में रक्षा सूत्र के रूप में राखी बांधकर अपनी सुरक्षा की गुहार करती है। ठीक उसी प्रकार संघ के स्वयंसेवक हिंदू भाई की कलाई में राखी बांधकर समाज, देश एवं राष्ट्र की सुरक्षार्थ एकरूपता में बंधकर आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित करते हैं। रक्षा बन्धन भी उन्ही 6 उत्सवों में से एक है। रक्षा बन्धन का पर्व ऋषि परम्परा एवम् संकल्प की परम्परा से समाज क...